Saturday, August 25, 2012

गमछे और मफलर का समाजशास्त्र


गमछे और मफलर का समाजशास्त्र
- समीर रंजन

गमछा का तो मल्टीपर्पस यूज़ गांव-देहात के लोग सदियों से करते रहे हैं. मौसम कोई भी हो- गर्मी की झुलझाने वाली धूप या लू, जाड़े की ठिठुरा देने वाली ठंड या कोहरा और बरसात का बरसाती पानी- गमछे का सदुपयोग देहात के लोग सर और शरीर बचाने के लिए करते रहे हैं. दूर-दराज की यात्रा के दौरान ये इमरजेंसी कोटे का अनाज बांधने के काम भी आता था. फिर इसके छोर पर नोट और सिक्के भी बंधने लगे. यानी गमछा गरीब आदमी का सबकुछ था- रूमाल, छाता, टोपी, चादर, तौलिया...और भी बहुत कुछ. चूंकि गमछा गरीबी की पहचान बन गया, इसलिए अमीरों ने इसका बहिष्कार कर दिया और फिर अमीरों की नकल करते हुए गरीब भी उन्हीं की राह पर चल पड़े. गमछे के बहिष्कार की एक वजह और भी रही. चोरी, डकैती, राहजनी करने वालों से लेकर रंगदारी करने वाले रंगदारों ने भी अपनी पहचान छुपाने के लिए गमछे का इस्तेमाल नकाब के रूप में करना शुरू कर दिया था (शायद तालिबान और अलकायदा के कारिंदों ने भारत के इस आउट डेटेड फैशन को ही कॉपी किया है). इसलिए भारत के मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास ने गमछे से अपना दामन छुड़ा लिया. 
गमछे का उपयोग और विस्तार क्षेत्र, दोनों सिमट गए. अमीरों के पास दूसरे मौसमों की मार से बचने के लिए साधन तो थे, लेकिन ठंड से बचने (खासकर चेहरे को बचाने) का कोई कारगर उपाय नहीं था. बंदर टोपी से पहचान के छिप जाने का खतरा था, हैट हवा में सम्हलती नहीं थी और कैप और साधारण टोपियां सिर को ही बचा पाती थीं. शायद इसी समस्या से निपटने के लिए मफलर तैयार किया गया. गमछे में कट मारकर उसका शॉर्ट रूप या कह लीजिए कि उसका मॉडर्न रूप. लड़कियों के स्कार्फ का ही मेल वर्जन था मफलर. पर जिस देश में चेहरे से ही पहचान बनती हो, वहां चेहरे का यूं ढंक जाना लोगों को ज्यादा दिन तक रास नहीं आया. इसलिए मफलर की उमर भी हर सर्दी दर सर्दी कम होती चली गई और फिर एक दौर ऐसा भी आया जब वह दिखना बंद हो गया. उसने खुद को घर के अलमीरे में कैद कर लिया या फिर पोछा बनकर फर्श की गंदगी साफ करते हुए शहीद हो गया.
पर इस साल गमझे और मफलर, दोनों ने एक साथ फिर से द ग्रेट इंडियन सोसाइटी में इंट्री मार दी है. धनबाद के वासेपुर के गमछे से फिल्म वालों का अऩुराग पर्दे पर क्या दिखा, गमछा हर गर्दन पर फिर से झूमने लगा. इसी तरह इंडियन टाइगर ने पाकिस्तानी कैट को इम्प्रेस करने के लिए गले में मफलर क्या डाला, पूरा इंडिया ही गले में मफलर डालकर टाइगर बन कर कैट के शिकार पर निकल पड़ा. वाकई इस साल बॉलीवुड ने इंडिया की उसकी नग्न होती जवानी को तन ढंकने के दो पारंपरिक वस्त्र तो दे ही दिए हैं. हिंदुस्तान के युवकों के लिए ये जरूरी भी हो गया था. युवतियों ने तो पहले ही घूंघट विहीन होने के नुकसान को भांप लिया है. सन बर्न, डस्ट और पॉल्यूशन से बचने के साथ-साथ शिव सैनिकों से भी बचाव के लिए युवतियां पिछले कुछ सालों से गमछे के फी-मेल वर्जन का इस्तेमाल चेहरा छिपाने के लिए करने लगी हैं. पर नवयुवकों को अभी गमछे के असल फायदों को पहचानने में वक्त लगेगा. क्योंकि अभी तो बरसात ही बीती है...ठंड आनी बाकी है.

Thursday, June 14, 2012

ACTING WITH BODY LANGUAGE

बॉडी लैंग्वेज का मतलब समझने के लिए ये एक विडियो देखना काफी है. साउथ के कॉमेडी किंग ब्रह्मानंदम ने केवल अपने हाथों के जरिए भावनाओं की जो अभिव्यक्ति की है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है.
Comedy King Brahmanandam In & As "JAFF" - Jaffa Movie First Look Trailer with HD Quality

Thursday, May 31, 2012

भ्रष्टज़ादे...

भ्रष्टज़ादे हैं जितने फ़सानों में
मिलते हैं कहां अब जहानों में
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Tuesday, May 29, 2012

बाजीगर की सुहानी जीत - समीर रंजन


बाजीगर की सुहानी जीत
- समीर रंजन
उसके बारे में बुरा सुनना मुझे अच्छा नहीं लगता. पर अगर बुराई सामूहिक हो तो एक अकेले की आवाज़ दब जाती है. वानखड़े स्टेडियम का तमाशा मुझे अगले दिन न्यूज़ चैनल पर दिखाई दिया था…क्योंकि आईपीएल का हर मैच पूरा देख पाना प्रैक्टिकल लोगों के लिए प्रैक्टिकल बात नहीं है. वीडियो के नाम पर तस्वीरें थीं, जिसमें ज़ुबानी आवाज़ की जगह लिखित शब्दों ने ले रखी थी. कई जगह शब्दों की जगह पर चतुराई के साथ गणित के चिह्नों का प्रयोग बेतरतीब तरीके से किया गया था. इन चिन्हों के जरिए ये दर्शाया गया था कि इसके बाद के शब्द भद्दी गालियां थीं, जिन्हें लिखना अनैतिक है. खड़े-खड़े ही पूरी ख़बर देख गया. मन के कई तरह की भावनाएं उमड़ने-घुमड़ने लगीं. दिल दो टुकड़े में बंटकर आपस में ही जिरह करने लगा. एक कहता- छी…छी…छी, दूसरा कहता- ऐसा हो ही नहीं सकता. पहले ने हार नहीं मानी, कहने लगा- उम्र का असर दिखने लगा है अब उस पर. दूसरे ने हार तो नहीं मानी लेकिन उस वक्त मौन रह जाना ही बेहतर समझा. घटना के चश्मदीद गवाह रहे एक बच्चे की कही बात याहू के होम पेज पर ख़बर के रूप में छपी थी. मैंने उसे आपलोगों के साथ शेयर भी किया था. पर उस पर भरोसा कम ही लोगों को हुआ. फिर सेमीफाइनल का दिन आ गया. उस दिन उसने और मेरे दिल के दूसरे टुकड़े, दोनों ने चुप्पी तोड़ी. ज्यादा कुछ नहीं कहा, बस जता दिया कि सही हैं और सच्चे हैं…तो उसे साबित करके ही दम लेंगे. फाइनल में जंग एक तरफ वो किस्मत का सांड था, जिसे छका पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन माना जाता है. दूसरी तरफ वो था…जो हार कर भी बाजी जीतना जानता है. गजब का खेल हुआ. मैदान में रनों की बरसात से बाढ़ आ गई. पर आखिरकार सांड हार गया और बाजीगर जीत गया. बात यहीं खत्म नहीं हो जाती. खेल में हार-जीत का सिलसिला तो चलता रहता है. निर्णायक चौके के तुरंत बाद कैमरा उस गैलरी की तस्वीर दिखाता है…जहां बाजीगर अपनी बिटिया के साथ बैठा था. इस बात को जरा नोट कीजिए, जीत की खुशी को बाजीगर ने सबसे पहले अपनी बिटिया के साथ बांटा…क्यों. आपकी अपनी वजह हो सकती है…पर मेरे दिल का वो दूसरा टुकड़ा कहता है कि वानखड़े स्टेडियम के तमाशे के बाद बाजीगर की जो छवि उसकी अपनी बिटिया के आंखों में धुमिल हुई थी, उसे साफ करना बाजीगर का एकमात्र मकसद था. जिसमें वो कामयाब रहा था. इसलिए उसकी खुशी का उस दिन कोई ठिकाना नहीं था. वो खूब झूमा, खूब नाचा, खूब बोला…पर उसने इस खुशी के लम्हों में भी आपसे, मुझसे, अपने बच्चों से, बीसीसीआई से और पूरी दुनिया से 
बिना किसी शर्म और संकोच के माफी मांगी. सच कहूं तो इस बार बाजीगर जीतने के बाद…जीत से भी आगे चला गया...   

Monday, May 21, 2012

12-year-old Bihar boy cracks IIT exam

12-year-old Bihar boy cracks IIT exam
A 12-and-a-half-year-old boy from Bihar has cracked the highly competitive Indian Institute of Technology-Joint Entrance Examination (IIT-JEE). Satyam Kumar of Bakhorapur village in Bhojpur district qualified from the Mumbai zone with an all-India rank of 8,137.

Tuesday, May 1, 2012

Rajnee vs Chuck Narris -- The east-west story!


Rajnee vs Chuck Narris -- The east-west story!

Love Rajnikant and Chuck Norris jokes? Then you must checkout this hilarious video from Expedia India. Share it with friends if you like.
MIND IT: don't hold Expedia India responsible if you fall off the chair laughing!!!!!

Friday, April 27, 2012

तेलुगु फिल्म एगा का मज़ेदार ट्रेलर

तेलुगु फिल्म एगा का मज़ेदार ट्रेलर
watch eega theatrical trailer....eega movie which is naan ee in tamil is directed by s.s.rajamouli who gave big hits like chatrapathi magadheera simhadri maryada ramanna student no1 and so on, casting nani as a hero who did ala modalaindi ashta chamma pilla zamindar, and samantha who did ye maya chesave dookudu brindavanam....and the same couple is doing other movie yeto vellipoyindi manasu....music is done by m.m.keeravani whose latest movie is dhammu/dammu

Friday, April 20, 2012

tiwari_baba_ka_nuskha

Narayan Dutt Tiwari (born 18 October 1925) is an Indian political figure. He was Chief Minister of Uttar Pradesh three times during the 1970s and 1980s and was Chief Minister of Uttarkhand from 2002 to 2007. A member of the Indian National Congress, he subsequently served as Governor of Andhra Pradesh from 2007 until 2009, when he resigned following a sex scandal.

Saturday, April 14, 2012

शाहरुख का प्रेरणादायक भाषण

शाहरुख का प्रेरणादायक भाषण
(पूरा भाषण सुनने के लिए उपर के टेक्स्ट लिंक पर क्लिक करें )
अमेरिका में एयरपोर्ट पर डिटेन किए जाने के बाद शाहरुख खान ने येल यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित किया. इस संबोधन में डिटेनशन के अनुभव का संक्षिप्त सा ज़िक्र भी है. पर इससे कहीं ज्यादा यह संबोधन शाहरुख के व्यक्तित्व को करीब से समझने का मौका देता है.

Thursday, April 12, 2012

कौन हैं निर्मल बाबा


कौन हैं निर्मल बाबा

-विजय पाठक-
सफरनामा
- मेदिनीनगर के चैनपुर स्थित कंकारी में ईंट भट्ठा शुरू किया. पर व्यवसाय नहीं चला
- गढ़वा में कपड़ा का बिजनेस किया. पर इसमें भी नाकाम रहे
- बहरागोड़ा इलाके में माइनिंग का ठेका भी लिया
रांची : बाबा जी, मुझे गाड़ी दिला दीजिए.. बाबा जी मैंने जो विश मांगी है, वह भी पूरी कर दीजिए.. बाबा जी मेरा वर्क टार्गेट पूरा करने का आशीर्वाद दें.. बाबा जी मेरी परीक्षा चल रही है, अच्छे मार्क्स दिला दें.. मुझे अच्छा घर दिला दें.. अच्छी नौकरी दिला दें.. रितू से शादी करा दें.. देश के 36 चैनलों पर सिर्फ एक व्यक्ति से यह इच्छा पूरी करने को कहा जा रहा है. और जिस व्यक्ति से यह सब कहा जा रहा है, वह हैं निर्मल बाबा.
निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के इंटरनेट पर तीस लाख से भी अधिक लिंक्स हैं, पर उनका कहीं कोई विवरण उपलब्ध नहीं है. प्रभात खबर ने निर्मल बाबा के बारे में कई जानकारियां हासिल की, पर निर्मलजीत से निर्मल बाबा कैसे बने, यह आज भी रहस्य है.
जानिये बाबा को
निर्मल बाबा दो भाई हैं. बड़े भाई मंजीत सिंह अभी लुधियाना में रहते हैं. निर्मल बाबा छोटे हैं. पटियाला के सामना गांव के रहनेवाले. 1947 में देश के बंटवारे के समय निर्मल बाबा का परिवार भारत आ गया था. बाबा शादी-शुदा हैं. एक पुत्र और एक पुत्री हैं उनकी.
मेदिनीनगर (झारखंड) के दिलीप सिंह बग्गा की तीसरी बेटी से उनकी शादी हुई. चतरा के सांसद और झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के छोटे साले हैं ये. बकौल श्री नामधारी, 1964 में जब उनकी शादी हुई, तो निर्मल 13-14 वर्ष के थे.
1970-71 में वह मेदिनीनगर (तब डालटनगंज) आये और 81-82 तक वह यहां रहे. रांची में भी उनका मकान था. पर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे के बाद उन्होंने रांची का मकान बेच दिया और चले गये. रांची के पिस्का मोड़ स्थित पेट्रोल पंप के पास उनका मकान था.
झारखंड से रिश्ता
निर्मल बाबा का झारखंड से पुराना रिश्ता रहा है. खास कर पलामू प्रमंडल से. 1981-82 में वह मेदिनीनगर (तब डालटनगंज) में रह कर व्यवसाय करते थे. चैनपुर थाना क्षेत्र के कंकारी में उनका ईंट-भट्ठा भी हुआ करता था, जो निर्मल ईंट के नाम से चलता था.
उन्हें जाननेवाले कहते हैं : निर्मल का व्यवसाय ठीक नहीं चलता था. तब उनके ससुरालवाले मेदिनीनगर में ही रहते थे. हालांकि अभी उनकी ससुराल का कोई भी सदस्य मेदिनीनगर में नहीं रहता. उनके (निर्मल बाबा के) साले गुरमीत सिंह अरोड़ा उर्फ बबलू का लाईम स्टोन और ट्रांसपोर्ट का कारोबार हुआ करता था.
बबलू के मित्र सुमन जी कहते हैं : चूंकि बबलू से मित्रता थी, इसलिए निर्मल जी को जानने का मौका मिला था. वह व्यवसाय कर रहे थे. कुछ दिनों तक गढ़वा में रह कर भी उन्होंने व्यवसाय किया था. वहां कपड़ा का बिजनेस किया. पर उसमें भी नाकाम रहे. बहरागोड़ा इलाके में कुछ दिनों तक माइनिंग का ठेका भी लिया. कहते हैं..बहरागोड़ा में ही बाबा को आत्मज्ञान मिला.
इसके बाद से ही वह अध्यात्म की ओर मुड़ गये. वैसे मेदिनीनगर से जाने के बाद कम लोगों से ही उनकी मुलाकात हुई है. जब उनके बारे में लोगों ने जाना, तब यह चर्चा हो रही है. उन्हें जाननेवाले लोग कहते हैं कि यह चमत्कार कैसे हुआ, उनलोगों को कुछ भी पता नहीं.
- हां, निर्मल बाबा मेरे साले हैं : नामधारी
* निर्मल बाबा आपके रिश्तेदार हैं?
हां यह सही है, काफी लोग पूछते हैं, इसके बारे में. मैं स्पष्ट कर दूं कि वह मेरे साले हैं.
कुछ बतायें, उनके बारे में.
1964 में जब मेरी शादी हुई थी, तो उस वक्त निर्मल 13-14 साल के थे. पहले ही पिता की हत्या हो गयी थी. इसलिए उनकी मां (मेरी सास) ने कहा था कि इसे उधर ही ले जाकर कुछ व्यवसाय करायें. 1970-71 में वह मेदिनीनगर (तब डालटनगंज) आये. 1981-82 तक रहे, उसके बाद रांची में 1984 तक रहे. उसी वर्ष रांची का मकान बेच कर दिल्ली लौट गये.
1998-99 में बहरागोड़ा में माइंस की ठेकेदारी ली थी. इसी क्रम में उन्हें कोई आत्मज्ञान प्राप्त हुआ. इसके बाद वह अध्यात्म की तरफ मुड़ गये. बस इतना ही जानता हूं,उनके बारे में. क्या आइडिया है, निर्मल बाबा के बारे में
देखिए उनके लाखों श्रद्धालु हैं. लोग उनमें आस्था रखते हैं. वैसे कई मुद्दों पर मेरी मतभिन्नता है उनके साथ.
* किस मुद्दे पर है मतभिन्नता
देखिए, मैं कहता हूं कि ईश्वरीय कृपा से यदि कोई शक्ति मिली है, तो उसका उपयोग जनकल्याण में होना चाहिए. बात अगर निर्मल बाबा की ही करें, तो आज जिस मुकाम पर वह हैं, वह अगर जंगल में भी रहें, तो श्रद्धालु पहुंचेंगे. तो फिर प्रचार क्यों? पैसा देकर ख्याति बटोर कर क्या करना है? जनकल्याण में अधिक लोगों का भला हो.
गुरुनानक के शब्दों में कहें, तो करामात, कहर का दूसरा नाम है. यह दुनिया दुखों का सागर है. यदि आज आप करामात दिखा रहे हैं. तो स्वाभाविक है कि लोगों की अपेक्षा बढ़ेगी, लंबे समय तक किसी की अपेक्षा के अनुरूप काम करना संभव नहीं है. मेरी नजर में यह काम शेर पर सवारी करने जैसा है.
इसलिए मैं कहता हूं कि टीवी के माध्यम से जो प्रचार हो रहा है, उससे अलग राह भी बनानी चाहिए. हालांकि कुछ लोग इस विचार पर आपत्ति भी जताते हैं. चूंकि हमारा रिश्ता है, इसलिए हम सलाह देते हैं. जनता के कल्याण का दूसरा रास्ता भी हो.
* क्या व्यक्तिगत तौर पर मिल कर सलाह दी है?
हां, जब मुलाकात हुई है, तो इस बात पर चर्चा हुई है. उनके अपने तर्क होते हैं और मेरे अपने. चूंकि रिश्तेदारी हैं, तो छूटती नहीं. मेरे मन में जो कुछ चलता है, व्यक्त कर देता हूं. वह आस्था के केंद्र हैं. ईश्वरीय कृपा से वह लोगों को भला कर रहे हैं. उनके आत्मज्ञान का लाभ अधिक लोग उठा सकें, यही मेरी कामना है. इस दृष्टिकोण से ही मैं सलाह देता हूं.
- 30 लाख से भी अधिक रिजल्टस गूगल सर्च में
- 3.48 लाख लाइक करनेवाले फेसबुक पर
- 40 हजारसे अधिक ट्विटर पर फालो करनेवाले
- 36 चैनलों पर देश-विदेश में प्रसारण
- 22 घंटे रोज होता है इन चैनलों पर प्रसारण
-
-सरेआम जालसाजी कर रहा है?
-फेसबुक पर कई टिप्पणियां-
बाबा का फेसबुक अकाउंट देखेंगे, तो उस पर टिप्पणी करनेवालों की संख्या हजारों में है. संभवत: किसी एक व्यक्ति के अकाउंट में सबसे ज्यादा कमेंट. तारीफें भी हैं, खिलाफ भी. ऐसे ही एक फेसबुकिया मित्र धन बहादुर थापा ने टिप्पणी की है..
बाबा कहते हैं कि पूजा में भावना होनी चाहिए, लेकिन जब बिहार की एक महिला को देखते ही उन्होंने कहा : तुम छठ पूजा करती हो. वह बोली, हां बाबा करती हूं. बाबा ने पूछा, कितने रुपये का सूप इस्तेमाल करती हो. वह बोली 10-12 रुपये का. बाबा ने कहा : बताओ 10-12 रुपये के सूप से भला कृपा कैसे आयेगी, तुम 30 रु पये का सूप इस्तेमाल करो. कृपा आनी शुरू हो जायेगी.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. एक महिला भक्त को उन्होंने पहले समागम में बताया था कि शिव मंदिर में दर्शन करना और कुछ चढ़ावा जरूर चढ़ाना. अब दोबारा समागम में आयी उस महिला ने कहा : मैंने मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ाया, लेकिन मेरी दिक्कत दूर नहीं हुई. बाबा बोले, कितने पैसे चढ़ाये, उसने कहा कि 10 रुपये. बाबा ने फिर हंसते हुए कहा कि 10 रुपये में कृपा कहां मिलती है, अब 40 रुपये चढ़ाना, देखना कृपा आनी शुरू हो जायेगी.
अब देखिए, इस महिला को बाबा ने ज्यादा पैसे चढ़ाने का ज्ञान दिया, जबकि एक दूसरी महिला दिल्ली से उनके पास पहुंची, बाबा उसे देखते ही पहचान गये और पूछे, शिव मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया या नहीं. बोली, हां बाबा चढ़ा दिया. बाबा ने पूछा, कितना चढ़ाया, वह बोली, आपने 50 रुपये कहा था, वो मैंने चढ़ा दिया. और मंदिर परिसर में ही जो छोटे-छोटे मंदिर थे, वहां 10- पांच रुपये चढ़ा दिये. बस बाबा को मौका मिल गया, बोले, फिर कैसे कृपा आनी शुरू होगी, 50 कहा, तो 50 ही चढ़ाना था ना, दूसरे मंदिर में क्यों चली गयी. बस फिर जाओ और 50 ही चढ़ाना.
क्या मुश्किल है, ज्यादा चढ़ा दो, तो भी कृपा रुक जाती है, कम चढ़ाओ, तो कृपा शुरू ही नहीं होती है. निर्मल बाबा ऐसा आप ही कर सकते हो, आपके चरणों में पूरे परिवार का कोटि-कोटि प्रणाम. एक भक्त को बाबा ने भैरो बाबा का दर्शन करने को कहा. वह भक्त माता वैष्णो देवी पहुंचा और वहां माता के दर्शन के बाद और ऊपर चढ़ाई करके बाबा भैरोनाथ का दर्शन कर आया. बाद में फिर बाबा के पास पहुंचा और बताया कि मैंने भैरो बाबा के दर्शन कर लिये, लेकिन कृपा तो फिर भी शुरू नहीं हुई. बाबा ने पूछा, कहां दर्शन किये, वह बोला, माता वैष्णो देवीवाले भैरो बाबा का. बाबा ने कहा : यही गड़बड़ है, तुम्हें तो दिल्ली वाले भैरो बाबा का दर्शन करना था. अब बताओ, जिस बाबा ने कृपा रोक रखी है, उनके दर्शन न करके, इधर-उधर भटकते रहोगे, तो कृपा कैसे चालू होगी. भक्त बेचारा खामोश हो गया. यह सब जालसाली नहीं, तो क्या है?

PAPA=MAMA (PROVED)

PAPA=MAMA(PROVED)

Tuesday, April 10, 2012

AMAZING_STICKMAN

AMAZING_STICKMAN
Try Stickman stunts and become healthy and smart.

Saturday, March 31, 2012

Facebook Is Building a Search Engine [REPORT]

         


Is Facebook building a Google rival — one that would use your location and your friends’ tastes?

A team of more than 20 Facebook engineers — led by a former Google programmer — is at work on a vastly improved search engine within the site, according a Businessweek report.
The idea, according to two sources, is to take better advantage of the heaps of content Facebook users create on — and off — the site every day. With people sharing status updates and supporting brand pages on the network, as well as using Facebook’s “Like” button to mark articles and videos from external sites, there is certainly a lot to take advantage of.
Mashable contacted Facebook for more information and got this response from a company spokesperson: “We don’t comment on rumors and speculation around products.”
Google has boosted its presence in the social space recently, opening the Google+ network last fall and a “Search, Plus Your World” feature to tepid response earlier this year. So it’s interesting to see Facebook potentially make a stronger move into the search world.
A large-scale shift to a “semantic web,” where online data is is able to be delivered in more nuanced and complex ways, is gaining momentum among tech futurists. Wikipedia recently announced a project calledWikidata that aims to make its content smarter by cross-updating among Wikipedia pages when they are edited. A more robust Facebook search functionality would be another step toward that semantic web.
Facebook founder Mark Zuckerberg has consistently downplayed the level of direct competition between Facebook and Google. “I don’t think that this is going to be the type of situation when one company wins all this stuff,” he told Charlie Rose of PBS last fall.
If the Businessweek report is true, however, it will add yet another area of heightened competitive overlap between the two Silicon Valley giants.
Would an improved social search engine within Facebook make you use Google Search less? Let us know your thoughts in the comments.

8 Crazy Gadgets to Buy If You Win Mega Millions

8 Crazy Gadgets to Buy If You Win Mega Millions

1. Personal Killer Whale Submarine

Price: $100,000
What does it do?: If you won the lottery, why not jump into a 17-foot watercraft that resembles a killer whale? The submarine can travel underwater at 25 miles per hour or hydroplane on the water's surface at 50 mph. The watercraft fits two people who can enjoy the watery view through the glass top or by watching an LCD screen that captures the rear view.
2.Magnetic Floating Bed 
Price: $1.6 million
What does it do?: After a long day of spending your jackpot winnings, rest your head on this levitating bed. A magnetic force propels the bed 16 inches off the ground. Cables keep the bed from maneuvering away from the magnet. 2001: A Space Odyssey reportedly inspired a Dutch architect to create the "flying bed."
              

3. Dinosaur Bone-Infused iPad

Price: $8 million
What does it do?: The iPad 2 Gold History Edition features a 24-carat gold Apple logo and backing, 53 gems and "sections of a 65 million year old T-REX Dinosaur’s thigh bone," among other pricey attributes.
4. Super-Luxurious Toilet
Price: $6,400
What does it do?: The Kohler Numi is no stinker. The elaborate toilet warms your feet, plays music and cleans your behind with an adjustable spray and subsequent drying function. A touchscreen controls the settings.
5. Fastest Street Legal Car
Price: $2.4 million
What does it do?: The Bugatti Veyron Super Sport is dubbed as the fastest street legal car in the world, reaching speeds as fast as 268 miles per hour.
6. Jetpack
Price: $99,500
What does it do?: The JetLev Jetpack can lift you 30 feet into the air at 25 miles per hour for four hours, according to the company's website.
7. 24-Carat Grill
Price: $165,000
What does it do?: Say what? BeefEater Barbecues's bedazzled grill is covered in 24-carat gold except for the cooking surfaces. The company says the cooking tool is for people who "have money to burn."

8. Batmobile Replica

Price: $190,836
What does it do?: This "officially licensed replica" of the 1966 Batmobile costs $150,000 and is decked out with a Batphone, "Detect-a-Scope" radar screen and rocket exhaust flamethrower.